बक्श दें प्यार की गुस्ताख़ियां

बक्श दें प्यार की गुस्ताख़ियां दिल ही क़ाबू में नहीं हम क्या करे

एक सुबह ऐसी भी हो.!

एक सुबह ऐसी भी हो.! जहाँ आँखे जिंदा रहने के लिये नही..!! पर जिंदगी जीने के लिये खुले…!!

हँस कर दर्द छुपाने की कारीगरी मशहूर है मेरी

हँस कर दर्द छुपाने की कारीगरी मशहूर है मेरी,,,, पर कोई हुनर काम नहीं आता , जब तेरा नाम आता हैं…!!

तेरी चाहतों को सलाम

मेरी आदतों में शुमार, हैं एक तेरा नाम भी… यादों से बेरुखी भी, तेरी चाहतों को सलाम भी….!

एक बार चाहा था अक्ल ने तुमको भुलाना

एक बार चाहा था अक्ल ने तुमको भुलाना तो सौ बार जुनूँ ने तेरी तसवीर दिखा दी

आप किसी इंसान का दिल बस तब तक दुखा सकते हो

आप किसी इंसान का दिल बस तब तक दुखा सकते हो जब तक वो आपसे प्रेम करता है…!!

असली प्यार तो वो होता था

असली प्यार तो वो होता था जब मां की एक बात का न मानना तो हवा में लहराती हुई “पैरागॉन “चप्पल आकर सीधी मुहं पर लगती थी!!!! 😁😁😁

नजरें नीची झुक गई

मुझे देख कर आज उनकी नजरें नीची झुक गई….. लगता है इस से पहले किसी से आँख मिला के आई है…….!

अफसोस ये नही है कि दर्द कितना है

अफसोस ये नही है कि दर्द कितना है दर्द ये है कि तुमे परवाह नही है..!!

मेरी ही ग़ज़लें गुनगुनाती है वो

मेरी ही ग़ज़लें गुनगुनाती है वो, जब बंद हो जाती है उससे ..बोल-चाल मेरी…!!!

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