नासमझ और पागल ही प्यार करते है बाक़ी सब तो समझोते और व्यापार करते है ।।
Tag: प्यार शायरी
शराफत के किस्से
अब छोड़ो ये शराफत के किस्से, दुनिया के दस्तुर और दिलों के हिस्से, सब मुकद्दर के हाथों की कठपुतलियां हैं, कभी तुम अच्छे कभी हम अच्छे!!!!
मोहब्बत तो तलब की राह
मोहब्बत तो तलब की राह में इक ऐसी ठोकर है के जिस से ज़िंदगी की रेत में ज़मज़म उबलते है
अपने कदमो के निशान
अपने कदमो के निशान अब मेरे रास्ते से हटा दो,, कहीं ये ना हो कि मैं चलते चलते तेरे पास आ जाऊं !!
जिस दिन तुम्हारी याद मुझ पर हावी होती है
जिस दिन तुम्हारी याद मुझ पर हावी होती है । न जाने क्यों वह रात बड़ी देर से गुजरती है !!
उनकी ही बज्म सही पै कहाँ का है दस्तूर
उनकी ही बज्म सही पै कहाँ का है दस्तूर.. इधर को देखना, देना उधर को पैमाने..!
चलते चलते यही सोचता हुँ
चलते चलते यही सोचता हुँ, किधर चलू, कि जहाँ तुम मुझे मिल जाओ,
दो लफ्ज उनकी तारीफ मे
दो लफ्ज उनकी तारीफ मे क्या बोल दिए मौसम ने भी आज अपना मिजाज ही बदल लिया
सवाल ही पैदा नहीं होता
वो जवाब मांगते हैं कि हमें भूल तो नही जाओगे…? जवाब मैं क्या दूँ , जब सवाल ही पैदा नहीं होता..
ये दिल है तुम्हारा
सुनो ये तमाम चेहरे तुम्हे गुमराह कर देंगें तुम बस मेरे दिल में रहो ये दिल है तुम्हारा