कई बार मन करता है

कई बार मन करता है कि रूठ जाऊँ तुम से, फिर इस ख्याल से रुक जाता हूँ कि तुम्हें तो मनाना भी नहीं आता।।

इश्क के तोहफे

इश्क के तोहफे तुम क्या जानो सनम, तुमने तो इश्क भी ऐसे किया जैसे ख़रीदा हो।।

पत्थर मुझे कहता है

पत्थर मुझे कहता है मेरा चाहने वाला, में मोम हूँ उसने कभी छू कर नहीं देखा।।

किसी को चाहने की तमन्ना

किसी को चाहने की तमन्ना हमें ले डूबी, सिमटने की आरज़ू में बिखरते चले गए।।

तुमने कभी समझा ही नहीं

तुमने कभी समझा ही नहीं ना समझना चाहा, हम चाहते ही क्या थे तुमसे तुम्हारे सिवा।।

फुरसत में ही

फुरसत में ही याद कर लिया करो हमें, दो पल मांगते है पूरी जिंदगी तो नही।।

‬तुझको खबर नहीं

तुझको खबर नहीं मगर एक बात सुन ले, बर्बाद कर दिया तेरे कुछ दिनों के प्यार ने।।

लिखते है सदा

लिखते है सदा उन्हीं के लिए, जिन्होंने हमे कभी पढ़ा ही नहीँ।।

तेरा साथ छूटा है

तेरा साथ छूटा है सम्भलने में वक्त तो लगेगा, हर चीज़ इश्क़ तो नहीं की इक पल में हो जाए।।

कभी फूर्सत मिली

कभी फूर्सत मिली तो तेरी ज़ूल्फ भी सूलझाउंगा आज ऊलझा हूवा हूं हालात को सूलझाने मे

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