एक उम्र के बाद

एक उम्र के बाद उस उम्र की बातें, उम्र भर याद आती है…

अपनी कमजोरियो का

अपनी कमजोरियो का जिक्र कभी न करना जमाने से. लोग कटी पतंगो को जम कर लुटा करते है !!

ये कहकर वो दिल में

ये कहकर वो दिल में आग लगाये जाते हैं कि….चिराग़ ख़ुद नही जलते जलाये जाते हैं…!!

मैं ठहर गया

मैं ठहर गया वो गुज़र गयी, वो क्या गुज़री सब ठहर गया…!!!

बहुत अजीब हैं

बहुत अजीब हैं ये कुर्बतों की दूरी भी, वो मेरे साथ रहा पर मुझे कभी न मिला…

कुछ रिश्तों में

कुछ रिश्तों में शक्कर कम थी …. कुछ अंदर से हम कड़वे थे ।।

होगी जरूर फूंक की

होगी जरूर फूंक की भी कुछ कीमत, वरना, बांसुरी तो बहुत सस्ती मिलती है …।।

लफ़्ज़ मैने भी चुराए है

लफ़्ज़ मैने भी चुराए है कई जगह से कभी तेरी मुस्कान से कभी तेरी बेरुखी से |

जब किसी की कमियां

जब किसी की कमियां भी अच्छी लगने लगे ना तो मान ही लीजिये ये दिल दगाबाजी कर गया…

मैं बहुत सीमित हूँ

मैं बहुत सीमित हूँ,अपने शब्दों में, लेकिन बहुत विस्तृत हू अपने अर्थों में….!!

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