गुस्सा वही इंसान कर सकता है

गुस्सा वही इंसान कर सकता है, जिसने कभी कूट कूट कर मोहब्बत की हो।।

कुछ तो बात होगी

कुछ तो बात होगी बुरे लोगो में, यूँ ही खुदा उन्हें इतनी बरकत नही देता।।

रात कितनी वीरान सी

रात कितनी वीरान सी हो जाती हैं, जब कुछ अपने याद किये बिना ही सो जाते हैं।।

कहाँ ढूँढ़ते हो

कहाँ ढूँढ़ते हो तुम इश्क़ को ऐ -बेखबर, ये खुद ही ढून्ढ लेता है जिसे बर्बाद करना हो।।

चले जाने दो

चले जाने दो उसे किसी ओर कि बाहों मे, इतनी चाहत के बाद जो मेरा ना हुआ वो किसी ओर का क्या होगा।।

आशियाने बनें भी तो कहाँ

आशियाने बनें भी तो कहाँ जनाब, जमीनें महँगी हो चली हैं और दिल में लोग जगह नहीं देते।।

किस्मत की किताब

किस्मत की किताब क्या खूब लिखी रब ने, बस वो ही पन्ना नही मिला जिसमे तेरा जिक्र था।।

कई बार मन करता है

कई बार मन करता है कि रूठ जाऊँ तुम से, फिर इस ख्याल से रुक जाता हूँ कि तुम्हें तो मनाना भी नहीं आता।।

इश्क के तोहफे

इश्क के तोहफे तुम क्या जानो सनम, तुमने तो इश्क भी ऐसे किया जैसे ख़रीदा हो।।

पत्थर मुझे कहता है

पत्थर मुझे कहता है मेरा चाहने वाला, में मोम हूँ उसने कभी छू कर नहीं देखा।।

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