ना शाखों ने पनाह दी ना हवाओं ने संभाला वो पत्ता आवारा न बनता तो क्या करता
Category: Zindagi Shayri
ख़ुशी मुझ को
उसकी जीत से होती है ख़ुशी मुझ को, यही जवाब मेरे पास है अपनी हार का !
जलाने के लिए
सूखे पत्ते की तरह बिखरे थे ए दोस्त, किसी ने समेटा भी तो जलाने के लिए !
नजर अंदाज क्यू
प्यार है तो नजरअंदाज क्यू करते हो… नहीं है तो हम पर नजरें क्यू रखते हो..
ना मोहब्बतें संभाली
ना मोहब्बतें संभाली गई ना ही नफरतें पाली गई है बड़ा अफ़सोस उस जिंदगी का जो तेरे पीछे खाली गई…!!
तेरे बारे में पूछते है
लोग आज भी तेरे बारे में पूछते है कहाँ है वो, मैं बस दिल पर हाथ रख देता हूँ…
साथ जूड जाये
अच्छा स्वभाव maths के 0 जैसा हैं दोस्तो जिसके भी साथ जूड जाये उसकी किमत बढा देता हैं….
घोंसले की फिक्र
घोंसले की फिक्र नें कैदी बनाकर रख दिया.. पंख सलामत थे मेरे पर मैं उड़ न सका..
देखेंगे अब जिंदगी
देखेंगे अब जिंदगी चित होगी या पट……. हम किस्मत का सिक्का उछाल बैठे हैं….
यादों की हवा
सारा दिन गुजर जाता है, खुद को समेटने में, फिर रात को उसकी यादों की हवा चलती है, और हम फिर बिखर जाते है!