शादी मे बहू क्या लेकर आयी ये तो सब पुछते है पर कभी ये सोचा वो क्या क्या छोड़ कर आयी है
Category: Zindagi Shayri
इज़हार कर गयी…!!
एक मैं था जो थक गया, लफ्ज़ ढूंढ-ढूंढ कर,, एक वो थी जो खरीदे हुए गुलाब देकर इज़हार कर गयी…!!
जिंदगी का खेल
जिंदगी का खेल शतरंज से भी मज़ेदार होता है, लोग हारते भी है तो अपनी ही रानी से …
भीड़ का हिस्सा
यह दुनिया इंसानों की बस्ती है फरिश्ता मत बन, लोग पत्थर से तुझे मारेंगे शीशा मत बन, ऐसा कुछ कर कि सारा जमाना तुझे देखे, अपनी पहचान बना, भीड़ का हिस्सा मत बन..!
एक दूसरे के लिये
ना आप अपने आप को गले लगा सकते हो, ना ही आप अपने कंधे पर सर रखकर रो सकते हो। ? एक दूसरे के लिये जीने का नाम ही जिंदगी है।इसलिये वक़्त उन्हें भी दो जो आपको चाहते है दिल से…|
कमज़ोर बुढ़ापा है
माँ बाप की मजबूरी ऐ काश कोई समझे, कमज़ोर बुढ़ापा है मुँहज़ोर जवानी है…!!
किसी का नहीं होता
दुनियावी तजुर्बा है हक़ीकत में है होता ; जो माँ -बाप का न होता किसी का नहीं होता …
इतने न कर
इतने न कर जुल्म माँ बाप पर बन्दे ; वे सोचने लगे कि बेऔलाद ही होता .
पढना चार किताब…!!
माँ बाप को ही गर दे दिया,उसने उलट जवाब तो फिर उसका व्यर्थ है,पढना चार किताब…!!
माँ के पैरो से
न अपनों से खुलता है, न ही गैरों से खुलता है. ये जन्नत का दरवाज़ा है, माँ के पैरो से खुलता है.!!