अजब फसाना रहा

इश्को-आवारगी का अजब फसाना रहा, दीवाना हमेशा तेरा ही दीवाना रहा..

तू मेरे पास

तू मेरे पास था में तेरे साथ था वो था जिंदगी का दिन की एक दिन की जिंदगी

युं ना देखा

युं ना देखा करो…. खुदा के लिये !! मोहब्बत बढ गयी तो ….मुसीबत हो जायेगी

तुझसे जुदाई के

तुझसे जुदाई के उस एक फ़ैसले के बाद मैं खुद भी अपने साथ कभी रहा नहीं

इतना मालूम है

गिनती तो ठीक से सीखी नही, मगर… इतना मालूम है, खुसिया बाटने से बढ़ती है..!!

कभी तो हिसाब करो

कभी तो हिसाब करो हमारा भी, इतनी मोहब्बत भला देता कौन है… उधार में..!!

दिल की क्या औकात

जब हम तुझ पे कुरबान हैं तो दिल की क्या औकात

दुख जमा कर सकते है।

“माँ” एक ऐसी ‘बैंक’ है जहाँ आप हर भावना और दुख जमा कर सकते है। और “पापा” एक ऐसा ‘क्रेडिट कार्ड’ है जिनके पास बैलेंस न होते हुए भी हमारे सपने पूरे करने की कोशिश करते है॥

काश तुम भी

काश तुम भी हो जाओ तुम्हारी यादों की तरह. ना वक़्त देखो, ना बहाना, बस चले आओ…

उसके इंतजार में हूँ

मुद्दतों से उसके इंतजार में हुँ, कही पढ़ लिया था कि सच्ची मोहब्बत लौटकर आती है

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