जो कुरेद कर

जो कुरेद कर दिवार पे तुम्हारा नाम लिखा था, ज़िन्दगी की सबसे लम्बी कहानी वही तो थी।

आँखों में भी

आँखों में भी कुछ सपने सो जाते हैं सपनों में भी मुश्किल जब उनका आना लगता है

यादों को याद बना कर

यादों को याद बना कर रख लिया जज्बातों को तेज़ाब बना कर रख लिया

अपनी हदों में

अपनी हदों में रहिए कि रह जाए आबरू, ऊपर जो देखना है तो पगड़ी सँभालिये

बिखरने के बहाने

बिखरने के बहाने तो बहुत मिल जाएँगे … आओ हम जुड़ने के अवसर खोजें..!

कोई वक़ालत नही चलती

कोई वक़ालत नही चलती ज़मीं वालो की. जब कोई फैसला आसमाँ से उतरता है…!!!. .

खत क्या लिखा….

खत क्या लिखा….. मानवता के पते पर डाकिया ही गुजर गया पता ढूढते ढूढते…..

खत्म होने की वजह

कुछ रिश्तों के खत्म होने की वजह सिर्फ यह होती है कि.. एक कुछ बोल नहीं पाता और दुसरा कुछ समझ ही नहीं पाता।

हो जाता है

हो जाता है जैसे पत्थर से खुदा कोई । ऐसे वो मेरा खुदा होकर पत्थर हो गया ।।

सुविचारों का असर

सुविचारों का असर इसलिए नहीं होता क्योंकि लिखने वाले और पढने वाले दोनों यह समझते है की ये दूसरों के लिए है।

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