मुस्कुराना सीखना पड़ता है …

मुस्कुराना सीखना पड़ता है …!रोना तो पैदा होते ही विरासत में मिल गया था….

वो मंजर भी

वो मंजर भी मोहब्बत का बडा दिलकश गुजरा, किसी ने हाल पुछा और आँखें भर आई !!

खुदा से मिलती है

खुदा से मिलती है सूरत मेरे महबूब की, अपनी तो मोहब्बत भी हो जाती है और इबादत भी|

हुस्न और इश्क

हुस्न और इश्क बहुत रोये गले मिल मिल कर…!! जाने क्या कह दिया दीवाने ने दीवाने से….

काँच सा था..

सुख मेरा, काँच सा था.. ना जाने कितनों को चुभ गया..!!

यहाँ हर कोई

यहाँ हर कोई रखता है खबर , गैरो के गुनाहों की ….. अजब फितरत हैं …. कोई आईना नही रखता !!

कैसी उम्र में

कैसी उम्र में आ कर मिले हों हमसे, जब हाथों की मेंहंदी बालों में लग रही है।

सबको हँसता ही

सबको हँसता ही देखना चाहता हूँ मैं, किसी को धोखे से भी रुलाना मेरी आदत नहीं।।

ज़रूरत लगती नही

ज़रूरत लगती नही मुझको तेरी तारीफ़ करने की, मैं ही तो लाया हूँ लाखों मे तुम्हें चुनके।।

महक जाती है

महक जाती है मेरी रूह, ये सुन के कही करीब ही है तू।।

Exit mobile version