सादगी जँचती नहीं

सादगी जँचती नहीं, हर किसी पे यहाँ, जलेबियाँ उलझी रहें, तो अच्छा है|

जान जब प्यारी थी

जान जब प्यारी थी, तब दुश्मन हज़ारों थे, अब मरने का शौक है, तो क़ातिल नहीं मिलते।

शायरी का रंग

शायरी का रंग और भी गुलनार हो जाता है, जब दो शायरों को एक दूसरे से प्यार हो जाता है..

इश्क क्या जिंदगी देगा

इश्क क्या जिंदगी देगा किसी को दोस्त….. ये तो शुरू ही किसी पर मरने से होता है…!!

मसरूफियत में आती है

मसरूफियत में आती है बेहद तुम्हारी याद….!!और फुरसत में तेरी याद से फुरसत नहीं मिलती…..!!

निगाहों से छुप कर

निगाहों से छुप कर कहाँ जाइएगा जहाँ जाइएगा, हमें पाइएगा मिटा कर हमें आप पछताइएगा कमी कोई महसूस फ़र्माइएगा नहीं खेल नासेह! जुनूँ की हक़ीक़त समझ लीजिए तो समझाइएगा कहीं चुप रही है ज़बाने-मोहब्बत न फ़र्माइएगा तो फ़र्माइएगा

होता अगर मुमकिन

होता अगर मुमकिन, तुझे साँस बना कर रखते सीने में, तू रुक जाये तो मैं नही, मैं मर जाऊँ तो तू नही…

मोहब्बत का शोक

मोहब्बत का शोक ना रखिए साहिब, इसमें साँस आती नहीं और जान जाती नहीं…

तसव्वुर ख्वाब दरवाज़े..

तसव्वुर ख्वाब दरवाज़े..दरीचे कितने रास्ते हे तुम आओ तो सही

सुना है इस खेल में

सुना है इस खेल में सबके सर जाते हैं, इश्क में इतना ख़तरा है तो हम घर जाते हैं…

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