बात मोहब्बत की थी, तभी तो लूटा दी जिंदगी तुझ पे……!जिस्म से प्यार होता तो….तुझ से भी हसीन चेहरे बिकते है,बाजार में….!!
Category: Urdu Shayri
धड़कनें गूंजती हैं
धड़कनें गूंजती हैं सीने में इतने सुनसान हो गए हैं हम…
वो सुना रहे थे
वो सुना रहे थे अपनी वफाओ के किस्से। हम पर नज़र पड़ी तो खामोश हो गए
बड़े सुकून से
बड़े सुकून से वो रहता है आज कल मेरे बिना, जैसे किसी उलझन से छुटकारा मिल गया हो उसे…
कोई ऐसी सुबह भी
कोई ऐसी सुबह भी मिले मुझे, के मेरी आँख खुले तेरी आवाज से..
शिकायत तुम्हे वक्त से
शिकायत तुम्हे वक्त से नहीं खुद से होगी, कि मुहब्बत सामने थी, और तुम दुनिया में उलझी रही….
तू वैसी ही है
तू वैसी ही है जैसा मैं चाहता हूँ… बस.. मुझे वैसा बना दे जैसा तू चाहती है…
हँसी यूँ ही
हँसी यूँ ही नहीं आई है इस ख़ामोश चेहरे पर…..कई ज़ख्मों को सीने में दबाकर रख दिया हमने !
वो उम्र कम कर रहा था
वो उम्र कम कर रहा था मेरी मैं साल अपने बढ़ा रहा था
ताल्लुकात बढ़ाने हैं
ताल्लुकात बढ़ाने हैं तो कुछ आदतें बुरी भी सीख लो..ऐब न हों.. तो लोग महफ़िलों में भी नहीं बुलाते…