सहम सी गयी है ख्वाइशें.. जरूरतों ने शायद उनसे….ऊँची आवाज़ में बात की होगी।
Category: Urdu Shayri
कभी बेपनाह बरसी
कभी बेपनाह बरसी, तो कभी गुम सी हैं… ये बारिशें भी कुछ कुछ तुम सी हैं…
अगर गुलाब देने से
अगर गुलाब देने से मोहबत हो जाया करती, तो आज माली सारे शहर भर का यार होता।
बाहें डाल कर
बाहें डाल कर , मेरी गर्दन तो नाप ली, अब फन्दे मोहब्बत के , बनाना शुरू करो..!
गुनाहगार को इतना
गुनाहगार को इतना. पता तो होता हैं ज़हा कोई नही होता खुदा तो होता हैं|
किसी को राह दिखलाई
किसी को राह दिखलाई किसी का ज़ख्म सहलाया किसी के अश्क जब पोंछे तब इबादत का मज़ा आया|
तू जादू हैं
तू जादू हैं तो कोई शक नहीं हैं मै पागल हूँ तो होना चाहिए था.!
कहते हैं… काला रंग
कहते हैं… काला रंग अशुभ होता है पर स्कूल का वो ब्लैक बोड लोगों की जिन्दगी बदल देता है…..
एक तू और एक वक्त
एक तू और एक वक्त, अफ़सोस की दोनों ही बदल गए
सच बोल-बोल कर
सच बोल-बोल कर यूं दुश्मनी कब तलक.. झूठ बोलना सीख..कुछ दोस्त बना ले