सहारों की बात मत करना

अब सहारों की बात मत करना….… अब दिलासों से भर गया है दिल….!!

मेरा खुदा एक ही है….

मेरा खुदा एक ही है…. जिसकी बंदगी से मुझे सकून मिला भटक गया था मै…. जो हर चौखट पर सर झुकाने लगा..

तेरी आवाज़ आज भी

तेरी आवाज़ आज भी मेरे कानों में गूंजा करती है, वो तेरा एक बार का कहना “तुम सिर्फ मेरे हो ..!

मोहब्बत ख़ूबसूरत होगी

मोहब्बत ख़ूबसूरत होगी किसी और दुनियाँ में, . . . इधर तो हम पर जो गुज़री है हम ही जानते हैं…

धुप से जल कर

धुप से जल कर मरा है वो, कमबख्त चाँद पर कविताएँ लिखता था..!!

ज़माने के लिए

ज़माने के लिए तो कुछ दिन बाद होली है.. लेकिन मुझे तो रोज़ रंग देती हैं यादें तेरी..!!

कितनी शिद्दत से

कितनी शिद्दत से तराशा था उस शख्स का किरदार हमने..,. जब हुआ मुक्कमल तो हमे ही पहचानना भूल गया…..

कदर कर लो

कदर कर लो उनकी जो तुमसे बिना मतलब की चाहत करते हैं… दुनिया में ख्याल रखने वाले कम और तकलीफ देने वाले ज़्यादा होते है..!

घर से निकले हैं

वापसी का तो कोई सवाल ही नहीं साहब .. . ,घर से निकले हैं हम आँसूओं की तरह..

मजबूर ना करेंगे

मजबूर ना करेंगे तुझे, वादे निभाने के लिए…. तू एक बार वापस आ,अपनीयादें ले जाने के लिए….!

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