महसूस जब हुआ कि सारा शहर, मुझसे जलने लगा है, तब समझ आ गया कि अपना नाम भी, चलने लगा है!!!
Category: Shayri-E-Ishq
किनारा ना मिला.!!
बहुत शौक से उतरे थे इश्क के समुन्दर में..!! एक ही लहर ने ऐसा डुबोया कि आजतक किनारा ना मिला.!!
लोग पूछते हैं
लोग पूछते हैं कौन सी दुनिया में जीते हो, अरे ये मोहब्बत है दुनिया कहाँ नजर आती है।
तलाशी ले लो
हम मैं कुछ भी नहीं हैं तुम्हारे सिवा तुम चाहो तो मेरी साँसों की तलाशी ले लो
पलको पर रूका है
पलको पर रूका है समन्दर खुमार का, कितना अजब नशा है तेरे इंतजार का..!!
अल्फ़ाज़ पन्नों पे
जब अल्फ़ाज़ पन्नों पे शोर करने लगें.. समझ लेना सन्नाटे बढ़ गये हैं दिल मे..
गरीब लगती है
कमी लिबास की तन पर अजीब लगती है, मुझे अमीर बाप की बेटी गरीब लगती है
दिल भर गया हो तो
दिल भर गया हो तो मना करने में डर कैसा मोहब्बत में बेवफाओं पर मुकदमा कहाँ होता है
जब कभी आंखों ने
जब कभी आंखों ने तेरे दीदार की सोंची उलझी तन्हाई ,ख्वाबो से बगावत कर बैठी।
बदलते रिश्ते
बदलता मौसम, बदलते लोग और बदलते रिश्ते , चाहे दिखाई ना दे, मगर ‘महसूस’ जरूर होते हैं..!!