हर कोई जताता है

झ़ुठा अपनापन तो हर कोई जताता है… वो अपना ही क्या जो हरपल सताता है… यकीन न करना हर किसी पे.. क्यों की करीब है कितना कोई ये तो वक़्त ही बताता है…

अपने दर्द को बया

अब ना करूँगा अपने दर्द को बया किसी के सामने, . दर्द जब मुझको ही सहना है तो तमाशा क्यू करना…

ज़रा मुस्कुराना भी सिखा दे

ज़रा मुस्कुराना भी सिखा दे ऐ ज़िंदगी, रोना तो पैदा होते ही सीख लिया था!

अब ना मैं वो हूँ

अब ना मैं वो हूँ, न बाकी हैं जमाने मेरे…. फिर भी मशहूर हैं शहरों में फसाने मेरे…

बहुत याद आते है

बहुत याद आते है वो पल ……. जिसमे आप हमारे और हम तुम्हारे थे……..

ये ज़िन्दगी हमारी

ये ज़िन्दगी हमारी,कब हमारी रही, कुछ रिश्तो में बटी ,कुछ किस्तों में|

सूनी होती है

ड़ोली चाहे अमीर के घर से उठे चाहे गरीब के, चौखट माँ बाप की ही सूनी होती है….

आसमानो से लगा कर उड़े

जो शर्त आसमानो से लगा कर उड़े.. उन पंछियो की उड़ानो को कोन रोक सकता है..

प्यार करो दुख मत देना

रिशते निभाऔ ,प्यार करो दुख मत देना, किसी को आसुंओं का तोहफा मत देना, दिल से कोसे जिंदगी भर कोई तुम्हे, ऐसा मौका किसी को मत देना….

समंदर नहीं होता

ये डूबने वाले का ही होता हे कोई फन; आँखों में किसी के भी समंदर नहीं होता!

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