अंजामे वफ़ा ये है जिसने भी मोहब्बत की, मरने की दुआ मांगी, जीने की सज़ा पाई..
Category: Shayri-E-Ishq
अच्छे नही लगते
ये भी अच्छा है कि हम किसी को अच्छे नही लगते … कम से कम कोई रोएगा तो नही मेरे मरने पर ..
आखिर कब तक
आखिर कब तक इन्तजार करूं मैं तुम्हारा , मैं आशिक हूँ ,धरने पर बैठा कोई सुनार नही |
दिखा के मदभरी आंखें
दिखा के मदभरी आंखें कहा ये साकी ने, हराम कहते हैं जिसको यह वो शराब नहीं |
नींद से क्या शिकवा
नींद से क्या शिकवा जो आती नहीं, कसूर तो उस चेहरे का है जो सोने नहीं देता !!
तेरा बिछड़ना है
तेरा बिछड़ना है हौसला मेरे लिए.. ताउम्र याद दिलाएगा कुछ कमी थी मुझमे |
कई बार मैंने देखा है
कई बार मैंने देखा है खुद को तुम में जिसे तुमने पुकारा नहीं जिद्द में वो मैं था है ऐतबार जिसे अब भी मुझ में वो इंतज़ार तुम हो..
न पूछा कर औरो से
न पूछा कर औरो से हाल मेरा..ए बेवफा .. इतनी ही फ़िक्र होती तो ..तू साथ होती.. तेरी यादे नहीं…
बर्फ गिरी सदमो की
इस क़दर बर्फ गिरी सदमो की, जम गया सब्र मेरी आँखों में…
डूबी हैं मेरी उँगलियाँ
डूबी हैं मेरी उँगलियाँ मेरे ही खून में.. ये कांच के टुकड़ों पे भरोसे की सजा है..