जहा कोशिशों की

जहा कोशिशों की ऊँचाई अधिक होती है…. वहा किस्मत को भी झुकना पड़ता है ।

वो इस अंदाज़ की

वो इस अंदाज़ की मुझसे मोहब्बत चाहता है… मेरे हर ख़्वाब पर अपनी हकुमत चाहता है… !!!

न कोई है

न कोई है छोटा न कोई बड़ा है ! अहंकार चट्टान बन कर खड़ा है !! पहाड़ा पढ़ाता है सबको ये ज़ालिम ! समय हांथ धो करके पीछे पड़ा है !!

वो जो चेहरे पे

वो जो चेहरे पे लिखी दास्तान ना पढ़ पाया,फ़ायदा नहीं कुछ उसको हाल-ए-दिल सुनाने का|

जाने कब उतरेगा

जाने कब उतरेगा कर्ज उसकी मोहब्बत का…!! हर रोज आँसुओं से इश्क की किस्त भरता हूँ…!!

किस के लिए

किस के लिए जन्नत बनाई तूने ए खुदा . कौन है इस जहाँ में जो गुनाहगार नहीं…

अपनी मज़ार तो बता !

हम रोज अपने खून का दिया जलाएंगे, ऐ इश्क़ तू इक बार अपनी मज़ार तो बता !

हर वक्त तेरे

हर वक्त तेरे ख्याल रहते हैं मुझे घेरे, जैसे मेरे हर एहसास भी हो गये तेरे..!!

धड़कने मेरी बेचैन रहती है

धड़कने मेरी बेचैन रहती है आजकल, क्यूंकि तेरे बगैर ये धड़कती कम और तड़पती ज्यादा है !!❗❗❗

हर वक्त तेरे

हर वक्त तेरे ख्याल रहते हैं मुझे घेरे,जैसे मेरे हर एहसास भी हो गये तेरे..!!

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