मेरे अश्कों के दरिया में

मेरे अश्कों के दरिया में, कभी ग़र डूब भी जाओ… वफ़ा तिनका ही सही मेरी , किनारे खींच लाएगी|

होते नहीं तबादले

होते नहीं तबादले मोहब्बत करने वालो के वो आधी रात को भी तन्हाई में तैनात मिला करते है !!

मत सोच कि

मत सोच कि उलफ़त का वो एहसास मर गया । बस मतलबी दुनिया से मेरा दिल ये भर गया ।।

कभी शाम होने के बाद

कभी शाम होने के बाद…..मेरे दिल में आकर देखना, खयालों की महफिल सजी होती है और जिक्र सिर्फ तुम्हारा होता है|

तुम मुझे देखना

तुम मुझे देखना छोडो तो बताऊँ तुमको, महफ़िल में सभी लोग तुम्हे देख रहे हैं !

दर्द की बिसात है

दर्द की बिसात है, मैं तो बस प्यादा हूँ, एक तरफ ज़िन्दगी को शय है, एक तरफ मौत को भी मात है।

पूछते लोग हैं

पूछते लोग हैं मुझसे इस बेखुदी की वज़ह मैं तेरा नाम बताने की ख़ता कैसे करूँ?

हर एक लम्हा

हर एक लम्हा किया क़र्ज़ ज़िंदगी का अदा, कुछ अपना हक़ भी था हम पर वही अदा न हुआ…

मेरी नज़र में

मेरी नज़र में तो सिर्फ तुम हो, कुछ और मुझको पता नहीं है तुम्हारी महेफिल से उठ रहा हूँ, मगर कहीं रास्ता नहीं है|

हम से पहले भी

हम से पहले भी मुसाफ़िर कई गुज़रे होंगे, कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते।

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