अब हिचकियाँ आती हैं

अब हिचकियाँ आती हैं तो पानी पी लेते हैं ये वहम छोड़ दिया हैं कि कोई याद करता हैं…

खामोश रहती है

खामोश रहती है वो तितली जिसके रंग हज़ार हैं और शोर करता रहा वो कौवा, ना जाने किस गुमान पर !

खत्म हो जाते है

शक से भी खत्म हो जाते है रिश्ते हर बार कसूर गलतियो का नी होता|

गुजर गया आज का दिन

गुजर गया आज का दिन भी यूँ ही बेवजह ना मुझे फुर्सत मिली ना आपको ख्याल आया|

यूँ नजरें ना झुकाओ

यूँ नजरें ना झुकाओ अपनी बेवफाई पर , इल्म था हमें इस दर्द को मेरा ही होना ही था ! चाहत इस दिल की मुस्कुराते रहो तुम सदा , हमें तो तेरी उदासी अपने लबों पे सजाना ही था ! मिले ना बेवफाई तुझको तेरे प्यार से जानम , हमें तो तेरी बेवफाई को गजलों… Continue reading यूँ नजरें ना झुकाओ

पलट कर ना आ

पलट कर ना आ जाए फिर सांस नब्ज़ों मे… इतने हसीन हाथों से मय्यत सजा रहा है कोई !

झूठ को झूठ कहा

झूठ को झूठ कहा, सच को सच ही बोला है… उसे समझाइये, वो शक़्स बहुत भोला है !!!

तुम्हारी एक निगाह से

सुना है तुम्हारी एक निगाह से कत्ल होते हैं लोग.. एक नज़र हमको भी देख लो.. ज़िन्दगी अच्छी नहीं लगती..!!

तेरा मेरा रिश्ता भी

तेरा मेरा रिश्ता भी कागज़ और कलम सा है जब भी मिलते है गैरों की बातें ही करते हैं|

तुम आओ या ना

तुम आओ या ना आओ मेरी ज़िन्दगी में ये तुम्हारी मर्ज़ी…!!मेरा इश्क़ बेहिसाब था बेहिसाब है और बेहिसाब ही रहेगा…!!

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