दर्द बनकर ही

दर्द बनकर ही रह जाओ हमारे साथ … सुना है दर्द बहुत वक़्त तक रहता है।

वक़्त लगेगा पर

वक़्त लगेगा पर संभल जायेगे एक दिन, ठोकर से गिरे है ग़ालिब अपनी नजेरो से नही।

मेरी जिंदगी में

मेरी जिंदगी में रहोगे तुम उमर भर… अब चाहे प्यार बन कर या रहो दर्द बन कर|

झुलसती धूप में

झुलसती धूप में राहत मेरा साया नहीं देता वो मेरे साथ चलता है मगर छाया नहीं देता|

निगाह ए इश्क

निगाह ए इश्क का अब क्या करे जनाब जब भी देखा तुम्हे बेपनाह देखा|

शिकायतों की पाई-पाई

शिकायतों की पाई-पाई जोड़ कर रखी थी मैंने……..उसने गले लगाकर सारा हिसाब बिगाड़ दिया………

पूछ लेते वो बस

पूछ लेते वो बस मिजाज मेरा ……. कितना आसान था इलाज मेरा….

कभी मना लिया करो….

रिश्तों को बस इस तरह से बचा लिया करो . कभी मान जाया करो कभी मना लिया करो….

हादसों से घिरी रहती है

जिंदगी अजीब हादसों से घिरी रहती है, पसंद के लोग अक्सर बिछड़ते रहते हैं..!

अजीब पैमाना है

अजीब पैमाना है यहाँ शायरी की परख का….. जिसका जितना दर्द बुरा, शायरी उतनी ही अच्छी….

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