मत पूँछ मुझसे

हैं दफ्न मुझमें मेरी कितनी रौनकें, मत पूँछ मुझसे….!! उजड़ – उजड़ के जो बसता रहा, वो शहर हूँ मैं…

तुम्हारी यादों में

ये कैसी नौकरी ता-उम्र की कर ली हमने… तुम्हारी यादों में इतवार भी नहीं आता….

कट तो जाता है

वक़्त बड़ा धारदार होता है, कट तो जाता है मगर, काटने के बाद…..!!

आज लफ्जों को

आज लफ्जों को मैने शाम को पीने पे बुलाया है बन गयी बात तो ग़ज़ल भी हो सकती है

अपने जलने मे

अपने जलने मे किसी को नही करता शरीक !! रात होते ही शमा को बुझा देता हूँ मै !!

मोहब्बत से फतैह करो

मोहब्बत से फतैह करो लोगो के दिलो को, जरुरी तो नही सिकन्दर की तरह तलवार रखी जाये.

हमारे इश्क की

हमारे इश्क की तो बस इतनी सी कहानी हैं: तुम बिछड गए.. हम बिख़र गए.. तुम मिले नहीं.. और हम किसी और के हुए नही

Mohabbat ke kaafile

Mohabbat ke kaafile ko kuch der to rok lo aate hain hum bhi paanv se kaante nikaalkar

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