नही है शिकवा

नही है शिकवा हमे किसी की बेरुखी से.. शायद हमे ही नही आता दिलो में घर बनाना..

मेरे हर किस्से में

मेरे हर किस्से में तुम आते हो !!! पर मेरे हिस्से में कब आओगे ?

मैँ भी जिन्दा हूँ….

कितनी झुठी होती है, मोहब्बत की कस्मेँ….।” देखो तुम भी जिन्दा हो, मैँ भी जिन्दा हूँ….॥

कितना मुश्किल है

कितना मुश्किल है मनाना उस शख्स को .. !! जो रूठा भी ना हो और बात भी ना करे .. !!

कोई तो पैमाना

काश कोई तो पैमाना होता मोहब्बत नापने का तो शान से तेरे सामने आते सबुत के साथ

बड़ी इबादत से पुछा

बड़ी इबादत से पुछा था मैंने उस खुदा से जन्नत का पता,,,,,थककर नींद आयी तो खुदा ने माँ की गौद में सुला दिया !!!

विश्वास ज्यादा हो

रिश्ते वो होते हैं, जिसमे शब्द कम और समझ ज्यादा हो; जिसमे तकरार कम और प्यार ज्यादा हो; जिसमे आशा कम और विश्वास ज्यादा हो।

पसंद करने लगे हैं

कुछ लोग पसंद करने लगे हैं अल्फाज मेरे; मतलब मोहब्बत में बरबाद और भी हुए हैं।

ज़ख़्म इतने गहरे हैं

ज़ख़्म इतने गहरे हैं इज़हार क्या करें; हम खुद निशाना बन गए वार क्या करें; मर गए हम मगर खुली रही ये आँखें; अब इससे ज्यादा उनका इंतज़ार क्या करें।

दिल पे वजन बढे

जेब का वजन बढाते हुए अगर दिल पे वजन बढे …. तो समझ लेना कि ‘सौदा’ घाटे का ही है!

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