हर वक़्त पल पल

हर दिन हर वक़्त पल पल बेहिसाब जहन में बस तुम ही तुम आँखों में बस एक चेहरा सिर्फ तुम सिर्फ तुम

जितनी मुहब्बत मिली

जितनी मुहब्बत मिली सब बाँट दी दुनियाँ बालो को जब मैने झोली फैलाई तो दर्द के सिवा कुछ न मिला

ज़रूरतों ने उनकी

ज़रूरतों ने उनकी, कोई और ठिकाना ढूंढ लिया शायद.. एक अरसा हो गया, मुझे हिचकी नहीं आई…

फूल बन जाऊंगा..

फूल बन जाऊंगा.. शर्त ये है मगर.. अपनी जुल्फों में मुझको सजा लीजिए

मत पूछ के किस तरह

मत पूछ के किस तरह से चल रही है जिन्दगी तेरे बिना ! उस दौर से गुजर रहे है……जो गुजरता ही नही !!

सितारे भी जाग रहे हो

सितारे भी जाग रहे हो रात भी सोई नाहो! ऐ चाँद मुझे वहाँ ले चल जहाँ उसके सिवा कोई ना हो!

मैं शब्दों से

मैं शब्दों से कहीं ज्यादा हूँ… इक बार सृजन करके देखो मुझे… ज़िन्दगी और ज़िन्दगानी में फ़र्क बूझ पाओगे…

ख़त्म हुआ न समझ

तू मझे ख़त्म हुआ न समझ, वो तीली भी आधी ही ज़ली थी जिसने जंगल ज़लाया था !

कमाल की तक़दीर

कमाल की तक़दीर पायी होगी उस शख्स ने, जिसने तुझसे मोहब्बत भी ना की हो और तुझे पा लेगा।।

उङती हुयी धुल

उङती हुयी धुल सी तुम्हारी यादें ले आती है पानी आँखो में |

Exit mobile version