खतों से तेरे पुराने, आती है वफा की खुशबू , ये तितली तो नही इसको उडाऊं कैसे।
Category: Love Shayri
बख्शे हम भी न गए
बख्शे हम भी न गए बख्शे तुम भी न जाओगे, वक्त जानता है हर चेहरे को बेनकाब करना।
अभी मिलन की राह में
अभी मिलन की राह में ए दिल तन्हाइयो जरा दामन छोड़ दो….!! रुत है सनम से, आँखे चार करने की….!!
हाल तो पूछ लू
हाल तो पूछ लू तेरा पर डरता हूँ आवाज़ से तेरी, ज़ब ज़ब सुनी है कमबख्त मोहब्बत ही हुई है|
ना मिला कोई
ना मिला कोई तुम जैसा आज तक , पर तकलीफ ये है कि मिले तुम भी नही|
वाक़िफ़ कहाँ ज़माना
वाक़िफ़ कहाँ ज़माना हमारी उड़ान से, वो और थे जो हार गए आसमान से…
कुछ बोले बिना
कुछ बोले बिना फिर तुम चले गए अब सपनो में आओगे…. बिना इज़ाज़त ये आदत ठीक नहीं तुम्हारी…
जब अपनी कसमें
तुझको भी जब अपनी कसमें अपने वादे याद नहीं, ऐ सनम……. हम भी अपने ख्वाब तेरी आंखों में रख कर भूल गए…
ज़रा तल्ख़ लहज़े में
ज़रा तल्ख़ लहज़े में बात कर, ज़रा बेरुखी से पेश आ…… मै इसी नज़र से तबाह हुआ हूँ, न देख मुझे यूँ प्यार से……
उड़ने दो परिंदों को
उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में, फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते…