शर्म नहीं आती उदासी को

शर्म नहीं आती उदासी को जरा भी, मुद्दतों से मेरे घर की महेमान बनी हुई है ….!!!!

इस दिल में

इस दिल में और कांटे चुभने से पहले, ज़रा एक बार देख लो, कितना कांटे पहले ही चुभा चुकी है ये दुनिया, तेरा ये काँटा कही आखरी न हो…..

मोहब्बत में नहीं रहा

मोहब्बत में नहीं रहा तन्हा कभी कोई… किसी को इश्क मिल गया…. किसी को अश्क मिल गए…

तुम्हारा हर अंदाज़

तुम्हारा हर अंदाज़ अच्छा है ! सिवाय नज़र अंदाज़ करने के !!

रिश्ते की गहराई

रिश्ते की गहराई अल्फाजो से मत नापो.. सिर्फ एक सवाल सारे धागे तोड़ जाता है…!

आज लफ्जों को

आज लफ्जों को मैने शाम को पीने पे बुलाया है, बन गयी बात तो ग़ज़ल भी हो सकती है…

कल रात मैंने

कल रात मैंने अपने सारे ग़म, कमरे की दीवार पर लिख डाले, बस फिर हम सोते रहे और दीवारे रोती रही…

रिश्ता दिल का होना चाहिए

रिश्ता दिल का होना चाहिए जनाब ख़ून के रिश्ते हमने वृद्धाश्रम में देखे हैं|

लफ्ज़ वही हैं

लफ्ज़ वही हैं , माने बदल गये हैं किरदार वही ,अफ़साने बदल गये हैं उलझी ज़िन्दगी को सुलझाते सुलझाते ज़िन्दगी जीने के बहाने बदल गये हैं..

कांच था मैं

कांच था मैं किस तरह हीरे से करता दोस्ती.. क्या पता कब काट देगा प्यार से छू कर मुझे…

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