डूबी हैं मेरी उँगलियाँ

डूबी हैं मेरी उँगलियाँ मेरे ही खून में.. ये कांच के टुकड़ों पे भरोसे की सजा है..

अजीब है ये

अजीब है ये नींदों का आना भी.. कभी मिन्नतें..कभी जबरदस्तियां..!!

जो बनाई है

जो बनाई है तिरे काजल से तस्वीरे-मुहब्बत, अभी तो प्यार के रंग से सजाया ही कहाँ है..!

वो लोग भी चलते है

वो लोग भी चलते है आजकल तेवर बदलकर … जिन्हे हमने ही सिखाया था चलना संभल कर…!

दर्द ओर आसूं

मुहब्बत कितनी सच्ची क्यों न हो एक दिन दर्द ओर आसूं जरुर देती है।

आज वो मिली

आज वो मिली ….. जो नींद में आकर…नींद से उठा देती थी…!!!

प्यार तो प्यार है

एक तरफा ही सही…प्यार तो प्यार है…, उसे हो ना हो…लेकिन मुझे बेशुमार है..

माँगने वालों को

माँगने वालों को क्या इज़्ज़त ओ रुस्वाई से देने वालों की अमीरी का भरम खुलता है|

सहारों की बात मत करना

अब सहारों की बात मत करना….… अब दिलासों से भर गया है दिल….!!

मेरा खुदा एक ही है….

मेरा खुदा एक ही है…. जिसकी बंदगी से मुझे सकून मिला भटक गया था मै…. जो हर चौखट पर सर झुकाने लगा..

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