ज़ख्म छुपाने के लिए

ज़ख्म छुपाने के लिए बहाना चाहिए., दर्द सुनाने के लिए ज़माना चाहिए.. हर शख्स करीब आकर चला जाता है., वो ही नही आते जिनको आना चाहिए..

इस तरह तुमने

इस तरह तुमने मुझे छोड़ दिया… जेसे रास्ता कोई गुनाह का हो….

मुझसे जब भी मिलो

मुझसे जब भी मिलो तो नज़रें उठा के मिला करो, मुझे पसंद है अपने आप को तेरी आँखों में देखना..

वक्त के दरवाजे पर

वक्त के दरवाजे पर खड़ा हूँ मैं, कभी तो मेरा भी आएगा !!

पसंद ना आये

पसंद ना आये मेरा साथ , तो बता देना, महसूस भी न कर पाओगे , उतना दूर चला जाऊंगा|

मेरे अश्कों के दरिया में

मेरे अश्कों के दरिया में, कभी ग़र डूब भी जाओ… वफ़ा तिनका ही सही मेरी , किनारे खींच लाएगी|

होते नहीं तबादले

होते नहीं तबादले मोहब्बत करने वालो के वो आधी रात को भी तन्हाई में तैनात मिला करते है !!

मत सोच कि

मत सोच कि उलफ़त का वो एहसास मर गया । बस मतलबी दुनिया से मेरा दिल ये भर गया ।।

कभी शाम होने के बाद

कभी शाम होने के बाद…..मेरे दिल में आकर देखना, खयालों की महफिल सजी होती है और जिक्र सिर्फ तुम्हारा होता है|

तुम मुझे देखना

तुम मुझे देखना छोडो तो बताऊँ तुमको, महफ़िल में सभी लोग तुम्हे देख रहे हैं !

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