दर्द की बिसात है

दर्द की बिसात है, मैं तो बस प्यादा हूँ, एक तरफ ज़िन्दगी को शय है, एक तरफ मौत को भी मात है।

मैं राज़ तुझसे

मैं राज़ तुझसे कहूँ, हमराज़ बन जा ज़रा, करनी है कुछ गूफतगू, अलफ़ाज बन जा ज़रा..

जहाँ कदर न हो

जहाँ कदर न हो अपनी वहाँ जाना फ़िज़ूल है, चाहे किसी का घर हो चाहे किसी का दिल|

हमारे दिल में

हमारे दिल में छूपे नफरत के अंगारो को ओर हवा ना दे । वरना तू इस आग मे जलकर राख हो जायेगा ।।

समंदर बड़ा होकर भी

समंदर बड़ा होकर भी अपनी हदों में रहता है। इंसान छोटा होकर भी अपनी औकात भूल जाता है।

तेरे मुस्कुराने का असर

तेरे मुस्कुराने का असर सेहत पे होता है… और लोग पूछ लेते हैं.. दवा का नाम क्या है….

कोशिश भी कर

कोशिश भी कर,उम्मीद भी रख,रास्ता भी चुन, फिर इसके बाद थोड़ा मुकद्दर तलाश कर ..

पूछते लोग हैं

पूछते लोग हैं मुझसे इस बेखुदी की वज़ह मैं तेरा नाम बताने की ख़ता कैसे करूँ?

हर एक लम्हा

हर एक लम्हा किया क़र्ज़ ज़िंदगी का अदा, कुछ अपना हक़ भी था हम पर वही अदा न हुआ…

यूँ असर डाला है

यूँ असर डाला है मतलबी लोगो ने दुनियाँ पर,हाल भी पूछो तो लोग समझते है की कोई काम होगा…

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