बिना मतलब के दिलासे भी नहीं मिलते यहाँ , लोग दिल में भी दिमाग लिए फिरते हैं |
Category: Hindi Shayri
रूठा हुआ है
रूठा हुआ है मुझसे इस बात पर ज़माना…!!! . . शामिल नहीं है मेरी फ़ितरत में सर झुकाना…!!!
मेरी खूबी पर
मेरी खूबी पर रहती है मेरे अपनों की जुबां खामोश.. चर्चा मेरे ऐबों पर हो तो गूँगे भी बोल पङते हैं…
एक चादर साँझ ने
एक चादर साँझ ने जिंदगी पर डाल दी तो क्या, यह अँधेरे की सड़क भोर तक जाती तो जरूर है..!!
मेरी नज़र में
मेरी नज़र में तो सिर्फ तुम हो, कुछ और मुझको पता नहीं है तुम्हारी महेफिल से उठ रहा हूँ, मगर कहीं रास्ता नहीं है|
हम वफ़ाओं का
हम वफ़ाओं का शज़र होते,न टूटते कभी…….. मग़र नसीबों के मेले में,खो दिया तुमको……..
इतनी बुरी भी नही
मोहब्बत इतनी बुरी भी नही जितना मेने सुना था…… दर्द मोहब्बत नही देती ,मोहब्बत करने वाले देते हे..!!!
ना जाने कौन हैं
ना जाने कौन हैं वो…. जिसकी तलाश मे मेरी हर सांस रहती है..!!
हम से पहले भी
हम से पहले भी मुसाफ़िर कई गुज़रे होंगे, कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते।
वक्त नहीं लगता
वक्त नहीं लगता दिल से दिल मिलाने में… पर सदियां बीत जाती हैं एक रिश्ते को भुलाने में….