गुनहगारों की आँखों में झूठे ग़ुरूर होते हैं, यहाँ शर्मिन्दा तो सिर्फ़ बेक़सूर होते हैं……
Category: Hindi Shayri
कुछ दिन से
कुछ दिन से ज़िंदगी मुझे पहचानती नहीं… यूँ देखती है जैसे मुझे जानती नहीं..
जो हमे समझ ही नहीं सका
जो हमे समझ ही नहीं सका, उसे हक है हमें बुरा समझने का… जो हमको जान लेता है, वो हम पर जान देता है…
कुछ नाकामयाब रिश्तों में
कुछ नाकामयाब रिश्तों में पैसे नहीं.. बहुत सारी उम्मीदें और वक्त खर्च हो जाते हैं|
हम से खेलती रही
हम से खेलती रही दुनिया ताश के पत्तो की तरह, जिसने जीता उसने भी फेका जिसने हारा उसने भी फेका..
हसरत है तेरी
हसरत है तेरी आँख का आंसू बन जाऊं .. पर तू रोए.. दिल को ये भी तो गंवारा नहीं|
मेरे बस मे हो तो
मेरे बस मे हो तो लहरों को इतना हक भी ना दू, लिखू नाम तेरा किनारे पे और लहरो को छुने तक ना दू…
जिक्र भी नहीं करेंगे…
मौहब्बत हैं तो फिक्र करते हैं… नहीं रहेगी तो..जिक्र भी नहीं करेंगे…
बस अब खत्म भी करो
बस अब खत्म भी करो खेल इश्क़ का,किस्मत के हारे हुए जीता नहीं करते कभी|
तू ऐसा कर
तू ऐसा कर, अपना दर्द मुझे दे-दे…. फिर मैं जानु, दर्द जाने, दुआ जाने, खुदा जाने|