Aye Jindagi Kash

KYA KHUB LIKHA HAI KISINE…….. ”Aye Jindagi Kash Tu Hi Ruth Jati Mujhse……. . Kyoki……. . Ye Ruthe Hue Log Ab Mujhse Manaye Nahi Jaate……….

मोहब्बत नहीँ करतेँ..

ना शौक दीदार का… ना फिक्र जुदाई की, बड़े खुश नसीब हैँ वो लोग जो…मोहब्बत नहीँ करतेँ…!!

बहुत रोकना चाहा

बहुत रोकना चाहा पर रोक ना सका खुद को, ये कमबक्त मोहब्बत भी गुनाहों जैसी है……….

लहरो को छुने तक

मेरे बस मे हो तो लहरो को इतना हक़भी ना दू … लिखु नाम तेरा किनारे पे और लहरो को छुने तक ना दू !

छुपा लो इस

छुपा लो इस तरह से मुझे अपनी बाहो मेँ कि हवा को भी गुजरने की इजाजत लेनी पडेँ

pyaas bhujhane ke liye

Tere hontho ko chuma to ye ehsaas hua mujhe…Ki ek paani hi nahi hai pyaas bhujhane ke liye…!!

एक खता के बदले

इतनी वफ़ादारी ना कर किसी से यूँ मदहोश होकर …. दुनिया वाले एक खता के बदले सारी वफ़ाएं भुला देते हैँ….!!!

खुदा से भी माँगा

अमल से भी माँगा वफा से भी माँगा, तुझे मैने तेरी रजा से भी माँगा, ना कुछ हो सका तो दुआ से भी माँगा, कसम है खुदा की खुदा से भी माँगा

निगाहों से भी

निगाहों से भी चोट लगती है जनाब…… जब कोई देखकर भी अनदेखा कर देताहै।..

शिकवा तकदीर का

शिकवा तकदीर का. ना शिकायत अच्छी !!!!! खुदा जिस हाल मे रखे वही जिंदगी अच्छी…….!!!!!!!

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