अजीब कहानी है

अजीब कहानी है इश्क और मोहब्बत की, कि उसे पाया ही नहीं फिर भी खोने से डरता हूँ.

करवटें बदलता रहा

करवटें बदलता रहा बिस्तर में यू ही रात भर, पलकों से लिखता रहा तेरा नाम चाँद पर ॥

सुकून मिलता है

सुकून मिलता है दो लफ्ज कागज पर उतार कर। चीख भी लेता हूँ और आवाज भी नही आती।

जिसे अपना चाँद

मैं जिसे अपना चाँद समझता था… उसने मोहल्ले के आधे से ज्यादा लड़के अंतरिक्ष यात्री बना रखे थे।

मेरी खुददारी तोले

मेरा मोल लगाने बैठे है कुछ लोग तिजोरी खोले़ दुनिया मे इतना धन कहा जो मेरी खुददारी तोले!!!!!!!!

छेड़ने लगीं सहेलियां

छेड़ने लगीं सहेलियां उसकी उसको..मुजसे मिलने के बाद .. कि रंग क्यों बदला है तेरे होठों का उसको मिलने के बाद ..

लेकर आना उसे

लेकर आना उसे मेरे जनाजे में, एक आखरी हसीन मुलाकात होगी..! मेरे जिस्म में जान न हो मगर, मेरी जान तो मेरे जिस्म के पास होगी..!!

आज घोके मै है

अजीब उलजन मै हु मे दिल आज घोके मै है ओर घोकेबाज दिल मै……

ख़्वाब की तरह

ख़्वाब की तरह बिखर जाने को जी चाहता है ऐसी तन्हाई के मर जाने को जी चाहता है घर की वहशत से लरज़ता हूँ मगर जाने क्यूँ शाम होती है तो घर जाने को जी चाहता है डूब जाऊँ तो कोई मौज निशाँ तक न बताए ऐसी नद्दी में उतर जाने को जी चाहता है… Continue reading ख़्वाब की तरह

खुद को इतना

खुद को इतना भी मत बचाया कर बारिशे हो तो भीग जाया कर चाँद लाकर कोई नहीं देगा अपने चेहरे से जगमगाया कर दर्द हीरा है दर्द मोती है दर्द आँखों से मत बहाया कर काम ले कुछ हसीन होंठो से बातो-बातो मे मुस्कुराया कर धुप मायूस लौट जाती है छत पे कपडे सुखाने आया… Continue reading खुद को इतना

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