उम्र भर ..बस

उम्र भर ..बस उम्र का .. पीछा किया… काम हमने कौन सा .. सीधा किया ; . पांव जब .. जमने लगे .. मेरे कहीं दिल निकल भागा .. ज़हन रोका किया ; . रोशनी .. अपनी लुटा दी .. हर जगह.. पूछते हो तुम .. कि हमने क्या किया ; . राह चलते ..जब… Continue reading उम्र भर ..बस

है अनोखा यार

है अनोखा यार मेरा , न कोई उसके जबाब का शबनम भी मांगती है, उससे वो चेहरा गुलाब का क्या गर्दन सुराहीदार है भरी है मस्ती शराब की काजल ने चढ़ा रखी है उसके कमाने शबाब की तरिका नहीं है बाकी , अब कोई बचाव का अंगडाई ले के जुल्फें हैं गीली बिखेर दी सब… Continue reading है अनोखा यार

फ़ासले इस कदर हैं

फ़ासले इस कदर हैं रिश्तों में, घर ख़रीदा हो जैसे क़िश्तों में

तेरी जरूरत भी है

अजीब मेरा अकेलापन है… तेरी चाहत भी नहीं..और तेरी जरूरत भी है …!!!

दिलनशी दुनिया के

दिलनशी दुनिया के नक्शों को ना होने दीजिए इस गुलिश्ता से गुजर जाईए, दरिया होकर!!!!

कभी नही बुझते

कभी जलाओ तो सही दुआओं से। दिये कभी नही बुझते फिर हवाओं से।

अब कहाँ जरुरत है

अब कहाँ जरुरत है हाथों मे पत्थर उठाने की, तोडने वाले तो जुबान से ही दिल तोड़ देते हैं…..

कितनी ही शिद्दत से

कितनी ही शिद्दत से निभा लो तुम रिश्ता, बदलने वाले बदल ही जाते हैं…!!!

जरूरत भर खुदा

जरूरत भर खुदा सबको देता है। परेशां है लोग इस वास्ते कि, बेपनाह मिले।

गुनगुनाता जा रहा था

गुनगुनाता जा रहा था इक फक़ीर धूप रहती है न छाया देर तक

Exit mobile version