न जाने किस हुनर को

न जाने किस हुनर को शायरी कहते होगेँ लोग… हम तो वो लिख़ रहे हैँ जो कह ना सके उससे…

इश्क के समुन्दर मे

इश्क के समुन्दर मे वही उतरे, जिसे किश्तों में मरने की सज़ा मंजूर हो…!!

ज़िन्दगी भी खूबसूरत चीज़ है

ज़िन्दगी भी खूबसूरत चीज़ है बस किसी से इश्क़ होना चाहिए …..!!

तूने जिंदगी का

तूने जिंदगी का नाम तो सुना होगा .. . मैने अक्सर तुम्हे इसी नाम से पुकारा है|

मुहब्बत कहानियों में

मुहब्बत कहानियों में थी तुम सच में ढूंढने निकल पड़े हो. ..

बहुत गहरे ख्यालों में

बहुत गहरे ख्यालों में, मोहब्बत के हवालों में….! तेरा नाम आ जाना मुझे अच्छा सा लगता है….

पर्दा गिरते ही

पर्दा गिरते ही तमाशा ख़तम हो जाता है,,, फिर बहुत रोते हैं औरों को हँसाने वाले…

लोग दीवाने हैं

लोग दीवाने हैं बनावट के साहब,हम अपनी सादगी ले के कहां जाएं….

वापिस खुद में

वापिस खुद में खुद को पहचान लूँ, इस कदर अजनबी हो जा तू मुझसे…

जब आता है

जब आता है गर्दिश का फेर , मकड़ी के जाले में फसता है शेर…

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