सजदे करूँ

सजदे करूँ, सवाल करूँ, इल्तजा करूँ। यूँ दे तो पूरी कायनात मेरे काम की नहीं।।

समजे गा वहाँ कौन आदमी

समजे गा वहाँ कौन आदमी को आदमी बंदा जहा ख़ुदा को ख़ुदा मानता नही|

धरो पे नाम

धरो पे नाम थे नमो के साथ ओहदे थे बहुत तलास किया कोई आदमी न मिला

Jise Umer Bhar

Tamam Umer Usi Ke Khayal Mein Guzri Mera Khayal Jise Umer Bhar Nahi Aaya….

उसकी आँखों के

उसकी आँखों के काले घेरे बताते हैं। उसको मुझसे पहले भी किसी ओर से प्यार था ।।

थक जाते है

थक जाते है, वो मेरे पास आतै आते शायद अब मोहब्बत बुढी हो गई है.

उम्र में ओहदे

उम्र में ओहदे में कौन कितना बड़ा है फर्क नही पड़ता… लहजे में कौन कितना झुकता है फर्क ये पड़ता है….

उनके मोहल्ले से

उनके मोहल्ले से धुआं उठ रहा है.. .. लगता है मेरी यादें मिटा रहे हैं वो..!.!

दरवाज़े बड़े करवा लिए

दरवाज़े बड़े करवा लिए हैं अब हमने भी अपने आशियानेके… क्योंकि कुछ दोस्तों का कद बड़ा हो गया है चार पैसे कमाकर..!!

मफलर उलझ गया

देखो तो इक पहाड़ से कंकड़ उलझ गया जोशो जुनून से ये दिलावर उलझ गया हिम्मत को उसकी आप भी अब दाद दीजिए लाखों के सूट बूट से मफलर उलझ गया

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