जिक्र होता है

जिक्र होता है जब कहीं मुहब्बत का तेरा नाम हौले से लेकर मेरे लब मुस्कुराते हैं

याद करता होगा

याद करता होगा वो मुझे…. मेरे दिल से ये वहम क्यों नहीं जाता.!!!

जरुरी है जिंदगी में

तूफान भी आना ,… जरुरी है जिंदगी में.. तब जा कर पता चलता है … कौन” हाथ छुड़ा कर भागता है.. और “कौन” हाथ पकड़ कर.

मैं जैसा हूँ

मैं जैसा हूँ , मुझे वैसा ही रहने दे अगर मैं सुधर गया ,तो तुझे मुझसे प्यार हो जाएगा

कलम भी मेरे पास है

कागज़ भी मेरे पास है कलम भी मेरे पास है…! लिखू तो क्या लिखू दिल तो उसके पास है…!!

फैसला न हो सका

किस्मत बुरी या,मै बुरा, ये फैसला न हो सका, मै सबका हो गया, मेरा कोई हो न सका

बुरा किया मैनें

ऐ इश्क़ ! तेरा वकील बन के बुरा किया मैनें यहाँ हर शायर तेरे खिलाफ सबूत लिए बैठा हैं………

रहने दे आसमा

किसी शायर ने खूब कहा है, रहने दे आसमा, ज़मीन की तलाश कर, सब कुछ यही है, कही और न तलाश कर. हर आरज़ू पूरी हो, तो जीने का क्या मज़ा, जीने के लिए बस एक खूबसूरत वजह की तलाश कर, ना तुम दूर जाना ना हम दूर जायेंगे, अपने अपने हिस्से कि दोस्ती निभाएंगे,… Continue reading रहने दे आसमा

खुद को जो

खुद को जो सूरज बताता फिर रहा था रात को दिन में उस जुगनू का अब चेहरा धुआं होने को था

कौन कब किसका हुआ

वो हमारे हो गए  ये क्या कम बात है खुद ग़रज़ दुनिया में वरना कौन कब किसका हुआ

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