मेरी तमन्ना न थी

मेरी तमन्ना न थी तेरे बगैर रहने की… लेकिन मज़बूर को…मज़बूर की…मजबूरियां मज़बूर कर देती है….

दिल भी आज

दील भी आज मुझे ये कह कर डरा रहा है, करो याद उसे वरना मै धड़कना छोड़ दूँगा !!

पैसा और मज़ाक

पैसा और मज़ाक सही समय और सही जगह देख कर उड़ाना चाहिए ….!!

ना वो मिलती है

ना वो मिलती है, ना मै रुकता हूँ .. .. पता नही, रास्ता गलत है या मंजिल !!

हम को भी

हम को भी चैन कि नींद आयेगी एक दिन, एक दिन हम भी ज़मीन ओढ़ कर सो जायेंगे

दिन गुजर जाता है

सारा दिन गुजर जाता है खुद को समेटने में, फिर रातको उसकी यादों की हवा चलती हैऔर हम फिर बिखर जाते है…

नहीं मुमकिन छिपा पाना

नहीं मुमकिन छिपा पाना खुदी को आईने में कभी आँखें, कभी साँसें, हकीकत बोलती हैं…….

मेरा यही अंदाज

मेरा यही अंदाज ज़माने को खलता है………..की मेरा चिराग हवा के खिलाफ क्यों जलता है….

लत लग गयी है

लत लग गयी है मुझें तो, अब तुम्हारे साथ की.. पर गुनहगार किसको कहूँ, खुद को या तेरी अदाओं को।….

बड़े शोख से

जमाना तो बड़े शोख से सुन रहा था हमी सो गए दास्ता कहेते कहेते

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