अपने हांथो की

जब वो अपने हांथो की लकीरों में मेरा नाम ढूंढ कर थक गया… सर झुकाकर बोला, “लकीरें झूठ बोलती है” तुम सिर्फ मेरी हो.

मदहोश रहता हूँ

इतनी पीता हूँ कि मदहोश रहता हूँ; सब कुछ समझता हूँ पर खामोश रहता हूँ; जो लोग करते हैं मुझे गिराने की कोशिश; मैं अक्सर उन्ही के साथ रहता हूँ।

गोपियाँ तो बहुत है

मेरे पास गोपियाँ तो बहुत है, पर मेरा मन मेरी राधा के सिवा कहीं लगता ही नही

ये दिल अजीब है

ये दिल अजीब है अक्सर कमाल करता है नहीं जवाब जिनका वो सवाल करता है ।

रह गए वादे

धरे रह गए वादे इश्क केउसने लगा लिया सिन्दुर मांग में |

जाये ताल्लुक तो ग़म मिलते है

हद से बढ़ जाये ताल्लुक तो ग़म मिलते है, हम इसी वास्ते अब हर शख्स से कम मिलते है !!

पेशानियों पे लिखे

पेशानियों पे लिखे मुक़द्दर नहीं मिले दस्तार कहाँ मिलेंगे जहाँ सर नहीं मिले

वक़्त किसी का ग़ुलाम

लोग कहते हैं कि वक़्त किसी का ग़ुलाम नहीं होता,. फिर तेरी मुस्कराहट पे वक़्त क्यूँ थम सा जाता है…

कुछ लोग मुझे

कुछ लोग मुझे अपना कहा करते थे.. सच कहूँ तो वो सिर्फ कहा करते थे.!!

मुझे चलना नही आता

आदमी हूँ , इसलिये जुदा हूँ , कठपुतलियों से … उंगलियों के इशारों में , मुझे चलना नही आता ..!!

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