जो उड़ते हैं अहम के आसमानों में जमीं पर आने में, वक़्त नहीं लगता… हर तरह का वक़्त आता है ज़िंदगी में वक़्त के गुज़रने में, वक़्त नहीं लगता…
Category: शर्म शायरी
मुहब्बत है रोशनी
जला रहा हूँ खुद अपने लहू से दिल के चराग़, ना जाने कितनी मुहब्बत है रोशनी से मुझे…
जीत नहीं सकते
जीवन में हर जगह हम जीत चाहते हैं सिर्फ फूलवाले की दूकान ऐसी है, जहाँ हम कहते हैं कि हार चाहिए क्यों कि हम भगवान से जीत नहीं सकते.
रुलाने मेँ अक्सर
रुलाने मेँ अक्सर उन्हीँ का हाथ होता है जो …कहते… हैँ तुम हँसते हुए अच्छे लगते हो_____!!
हमेशा खामोश रहना..
उस जगह हमेशा खामोश रहना…. जहां , दो कौड़ी के लोग ,, अपनी हैसियत के “गुण-गान” गाते हों….।
तुम्हें भी याद
तुम्हें भी याद नहीं और मैं भी भूल गया वो लम्हा कितना हसीं था मगर फ़िज़ूल गया
शादी मे बहू
शादी मे बहू क्या लेकर आयी ये तो सब पुछते है पर कभी ये सोचा वो क्या क्या छोड़ कर आयी है
सिर्फ चेहरा ही नहीं
सिर्फ चेहरा ही नहीं शख्सियत भी पहचानो , जिसमें दिखता हो वही आईना नहीं होता
दुआ कुबूल नहीं होती
किसी ने ग़ालिब से कहा सुना है जो शराब पीते हैं उनकी दुआ कुबूल नहीं होती …. ग़ालिब बोले: जिन्हें शराब मिल जाए उन्हें किसी दुआ की ज़रूरत नहीं होती
इज़हार कर गयी…!!
एक मैं था जो थक गया, लफ्ज़ ढूंढ-ढूंढ कर,, एक वो थी जो खरीदे हुए गुलाब देकर इज़हार कर गयी…!!