वो आये या

वो आये या ना आये, उसकी मर्ज़ी है दोस्त, उन राहों को मगर आज़ सज़ा कर देखते हैं.

जितने भी जख्म थे

जितने भी जख्म थे सबको सहलाने आये है, वो माशुक खंजर के सहारे मरहम लगाने आये हैं………..

ख्वाब बना दिये

खुदा का शुक्र है कि ख्वाब बना दिये, वरना तुम्हें देखने की तो बस हसरत ही रह जाती।

रूठ जाए तुमसे

रिश्तों में इतनी बेरुख़ी भी अच्छी नहीं हुज़ूर.. देखना कहीं मनाने वाला ही ना रूठ जाए तुमसे..!!

मुझे देख के

मुझे देख के न मुस्कुरा ज़रा मुस्कुरा के देख ले

समझ में नहीं आते

अच्छी किताबें और सच्चे लोग तुरंत समझ में नहीं आते

खाली खाली सा

मैदान मोहल्ले का, जाने कब से खाली खाली सा है कोई मोबाइल शायद बच्चों की गेंद चुराकर ले गया

कैसे आना हुआ

कितने सालों के इंतज़ार का सफर_खाक हुआ । उसने जब पूछा “कहो कैसे आना हुआ”।!!

इतनी‬ सी है गुजारिश

आँखों‬ में तेरा सपना,‪ दिल‬ में तेरी ख्वाहिश,‪ बस‬ हमेशा यूँ ही साथ रहना, ‪ इतनी‬ सी है गुजारिश !

शाम हो जाती है

एक सवेरा था जब हँस कर उठते थे हम और आज कई बार बिना मुस्कुराये ही शाम हो जाती है !

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