ख़्वाबों को इश्क़ का

ख़्वाबों को इश्क़ का एक जहाँ देते है, चलो के अब नींद को आँखों में पनाह देते है…

मेरी वफ़ा का

मेरी वफ़ा का कभी इम्तिहान मत लेना की मेरे दिल को तेरे लिए हारने की आदत है…..

आज कितने खुश थे

आज कितने खुश थे वो एक अजनबी के साथ में… मुझ पर नज़र पड़ी तो…. मायूस हो गये……

मुफ़लिस के बदन को

मुफ़लिस के बदन को भी है चादर की ज़रूरत, अब खुल के मज़ारों पर ये ऐलान किया जाए..!!

मुझे कुछ नहीं कहना….

मुझे कुछ नहीं कहना……..बस इतनी गुज़ारिश है.. मुझे तुम उतने ही मिल जाओ जितने याद आते हो…

जिसके लिए लिखता हूँ

जिसके लिए लिखता हूँ आज कल वो कहती हैं अच्छा लिखते हो… उनको सुनाऊँगी….

बदन तो खुश हैँ

बदन तो खुश हैँ खुद पर रेशमी कपड़ो को पाकर मग़र ज़मीर रो रहा हैं की मैं बिक गया कैसे…..

मजबूर किया तुमने

मजबूर किया तुमने नज़र अंदाज़ करने पर वरना हम तो तेरे हर अंदाज पर तेरी नज़र उतारा करते थे…..

बदन की क़ैद से

बदन की क़ैद से बाहर,ठिकाना चाहता है अजीब दिल है,कहीं और जाना चाहता है|

एक वो दिन

एक वो दिन जब लाखों गम और काल पड़ा है आंसू का, एक वो दिन जब एक जरा सी बात पे नदियां बहती थीं।

Exit mobile version