इस सलीक़े से

इस सलीक़े से मुझे क़त्ल किया है उसने, अब भी दुनिया ये समझती है की ज़िंदा हूँ मैं….!!

मज़ा आता अगर

मज़ा आता अगर गुजरी हुई बातों का अफ्साना, कहीं से तुम बयां करते, कहीं से हम बयां करते।।

इश्क़ की दुनिया में

इश्क़ की दुनिया में क्या क्या हम को सौग़ातें मिलीं, सूनी सुब्हें रोती शामें जागती रातें मिली…

सफ़र में धूप

सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो, सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो…

प्यार अपनों का

प्यार अपनों का मिटा देता है ,इंसान का वजूद , जिंदा रहना है तो गैरों की नज़र में रहिये…….

मैंने कल शब चाहतों की

मैंने कल शब चाहतों की सब किताबें फाड़ दी, सिर्फ एक कागज़ पर लफ्जे माँ रहने दिया …..

दर्द लिखते रहे….

दर्द लिखते रहे….आह भरते रहे लोग पढ़ते रहे….वाह करते रहे।

आज तेरी याद

आज तेरी याद हम सीने से लगा कर रोये .. तन्हाई मैं तुझे हम पास बुला कर रोये कई बार पुकारा इस दिल मैं तुम्हें और हर बार तुम्हें ना पाकर हम रोये|

खुदगर्ज़ बना देती है

खुदगर्ज़ बना देती है तलब की शिद्दत भी,, प्यासे को कोई दूसरा प्यासा नहीं लगता..।।

टूटे हुए ख्वाबों की

टूटे हुए ख्वाबों की चुभन कम नहीं होती,,,,,,, अब रो कर भी आँखों की जलन कम नहीं होती….!!

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