कोई कहता है प्यार नशा बन जाता है! कोई कहता है प्यार सज़ा बन जाता है! पर प्यार करो अगर सच्चे दिल से, तो वो प्यार ही जीने की वजह बन जाता है …
Category: बेवफा शायरी
पसंद करने लगे हैं
पसंद करने लगे हैं अब शायरी मेरी मतलब मुहब्बत सिर्फ मैंने ही नहीं की।
खुदा की बंदगी
खुदा की बंदगी शायद अधूरी रह गयी,तभी तेरे मेरे दरमियाँ ये दूरियाँ रह गयी|
यकीन नहीं होता
तुम्हारे लिये मिट जाने का इरादा था .. तुम ही मिटा दोगे….. यकीन नहीं होता
कैसे छोड़ दूँ
कैसे छोड़ दूँ साथ तेरा प्रिय ,जीवन की ढलती शामों में ….! धूप -छाँव की साथी हो ,मेरे सुख -दुःख की राहों में …..!!
तूने अता किया था
तूने अता किया था इसलिए गले लगा लिया, वरना दर्द जैसी चीज़ किसे होती अज़ीज़ है !
कभी किसी के चेहरे को
कभी किसी के चेहरे को मत देखो बल्कि उसके दिल को देखो, क्योंकि अगर “सफेद” रंग में वफा होती तो “नमक” जख्मों की दवा होती “.!!
जिसकी याद में
मुद्दतों जिसकी याद में आंख की नमी ना गयी , उसकी ही बातें आज हमें मतलबी ठहरा गयी…
वक्त मिले कभी तो
वक्त मिले कभी तो कदमों तले भी देख लेना, . . बेकसूर अक्सर वहीं पाये जाते हैं..
तू मूझे नवाज़ता है
तू मूझे नवाज़ता है ये तेरा करम है मेरे मौला वरना तेरी मेहरबानी के लायक मेरी इबादत कहाँ…