मेरे लहजे में जी हुजूर ना था इसके अलावा मेरा कोई कुसूर ना था अगर पलभर को भी में बे-जमीर हो जाता यकीन मानिये कब का वजीर हो जाता” !!!
Category: पारिवारिक शायरी
बेटी होती है
“जो मम्मी, पापा को स्वर्ग ले जाये वह बेटा होता है” किंतु “जो स्वर्ग को घर में ले आये, वह बेटी होती है “
ऑफिस सरकारी हो या प्राइवेट
ऑफिस सरकारी हो या प्राइवेट.. चलता एक ही सिद्धांत पर है कि आपका बॉस आपको नालायक समझता है और आप उसे..!!
मैं आज भी रो देता हूँ मुस्कुराने के बाद
बड़ी मुश्किल से बना हूँ टूट जाने के बाद, मैं आज भी रो देता हूँ मुस्कुराने के बाद
जिंदगी सौ साल की
नहीं मांगता भगवान कि, जिंदगी सौ साल की दे… दे भले चंद लम्हों की, लेकिन कमाल की दे..
जो दिखाई देता वो हमेशा सच नहीं होता
जो दिखाई देता वो हमेशा सच नहीं होता.. कही धोखे में आँखे है…कही आँखों के धोखे हैं..
बहुत अजीज़ है मुश्किल में डालने वाला
नज़र से दिल में मुहब्बत उतारने वाला.. बहुत अजीज़ है मुश्किल में डालने वाला..
हम ये भी भूल गए
घोंसला बनाने में… यूँ मशग़ूल हो गए.. उड़ने को पंख हैं… हम ये भी भूल गए…
महसूस जरुर होते हैँ
बदलता मौसम….. बदलते रिश्ते…. और बदलते लोग…… दिखते भले ना हो …… महसूस जरुर होते हैँ……
ये दुनिया वाले एक ख़ता के बदले
ये दुनिया वाले एक ख़ता के बदले, सारी वफ़ाएँ भुला देते हैं ….