इश्क़ के क़ाबिल

हम ही उस के इश्क़ के क़ाबिल न थे क्यूँ किसी ज़ालिम का शिकवा कीजिए |

सभी ज़िंदगी के मज़े

सभी ज़िंदगी के मज़े लूटते हैं,,, न आया हमें ये हुनर ज़िंदगी भर…

अपने दिल से

अपने दिल से मिटा ड़ाली तेरे साथ की सारी तस्वीरें आने लगी जो ख़ुशबू तेरे ज़िस्मों-जां से किसी और की…!!

ताश के पत्तों में

ताश के पत्तों में दरबदर बदलते चले गए… इश्क़ में सिमटे तो ऐसे के बिखरते चले गए… यूँ तो दिल ने बसायी थी एक दुनिया उनके संग… रहने को जब भी निकले उजड़ते चले गए…

वो शख़्स जो

वो शख़्स जो आज मुहब्बत के नाम से बौखला गया, किसी जमाने में एक मशहूर आशिक़ हुआ करता था|

तुझे पाने की चाह

तुझे पाने की चाह में इतना कुछ खोया है….. की अब तू मिल भी जाए तो भी अफ़सोस होगा….

हम जिसके साथ

हम जिसके साथ वक्त को भूल जाते थे, वो वक्त के साथ हमको भूल गया…!!

मोहब्बत ऐसी धडकन हैं

मोहब्बत ऐसी धडकन हैं जो समझाई नही जाती….ज़ुबां पे दिल की बेचैनी कभी लाई नही जाती….

कागज कोरा ही रहने दीजिऐ

कागज कोरा ही रहने दीजिऐ वरना बेवजह दर्द ब्यान हो जाऐगा !

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