नेताओ के वादे और सनम तेरी बातें, दोनों ही दिल और जेब पर सीधी मार करती हैं।
Category: जिंदगी शायरी
आखिर कब समझोगे
आखिर कब समझोगे तुम मुहब्बत को! अरे इसमें दग़ा नही, वफ़ा की जाती है!!
वो दिल से
एक खेल रत्न उसको भी दे दो बड़ा अच्छा खेलती है वो दिल से
इश्क़ बनाने वाले
ये इश्क़ बनाने वाले की मैं तारीफ करता हूँ… मौत भी हो जाती है और क़ातिल भी पकड़ा नही जाता
हँसकर दर्द छुपाने
हँसकर दर्द छुपाने की कारीगरी मशहूर थी मेरी पर कोई हुनर काम नहीं आता जब तेरा नाम आता
दर्द से इतना हुआ
खाकसार’ नजात मिल न सकी शामे दर्द से इतना हुआ कि रस्मे दुआ आ गयी मुझे
जीने के दिन
खुँशीयॊ ने वादा किया कि वॊ पाँच दिन बाद आएगी, मगर कम्बख्त जिंदगी के कैलेंडर में देखा तॊ जीने के दिन ही चार थे ॥
इतने क़रीब ना था
मेरे घर से मयखाना इतने क़रीब ना था…!!! दोस्तों… कुछ लोग दूर होते गये और वो पास आ गया…!!!
आइना है ये जिंदगी
आइना है ये जिंदगी मेरे दोस्त ! तू मुस्कुरा जिंदगी भी मुस्कुरा देगी|
मरने के बाद भी
लड़कियों से क्या दोस्ती करना , जो पल भर में छोड़ जाती है , दोस्ती करनी है तो लड़को से करो , जो मरने के बाद भी कंधे पे ले जाते है |