वहम से भी

वहम से भी अक्सर खत्म हो जाते हैं कुछ रिश्ते, कसूर हर बार गल्तियों का नही होता

फिर उड़ गयी नींद

फिर उड़ गयी नींद ये सोच कर सरहद पर वो बहा खून मेरी नींद के लिए था…

उन आँखों की

उन आँखों की दो बूंदों से समन्दर भी हारे होंगे… जब मेहँदी वाले हाथो ने मंगलसूत्र उतारे होंगे.शहादत को नमन…

ज़िन्दिगी बन जाती हैं

दो परिंदे सोंच समझ कर जुदा हो गयें और जुदा होकर मर गयें जानते हो क्यों? क्योंकि उन्हे नहीं मालूम था कि नज़दीकियाँ पहले आदत फिर ज़रूरत और फिर ज़िन्दिगी बन जाती हैं|

Rooh Ka Zewar

MOHABBAT Rooh Ka Zewar Pehen Le Jo Nikhar Jaaye, Wafa Bhi Ho Agar Shaamil To Bikhra DIL Sanwar Jaaye

Main Chahta Hoon

Main Chahta Hoon, Tujhe Younhi Umar Bhar Dekhoon Koi Talab Na Ho Dil Mein, Teri Talab K Siwa…!!!

Hunar Ka Sikandar

Har Shakhs Hota Hai Kisi Na Kisi Hunar Ka Sikandar .. Magar Kambakhat Ye Haalaat Wafa Nahi Karte

हमेँ देख कर उसने

हमेँ देख कर उसने,मुह मोड लिया…… , तसल्ली सी हो गयी,,कि चलो,पहचानती तो है

ये इक दिन

ये इक दिन मौत से सौदा करेगी, जरा…होशियार रहना ज़िंदगी से

जरुरी तो नहीँ

जरुरी तो नहीँ हर रिश्ते को नाम की डोर से बाँधा जाए, बाँधे गए रिश्ते अक्सर टूट जाते हैँ..!!!

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