ये इक दिन मौत से सौदा करेगी, जरा…होशियार रहना ज़िंदगी से
Category: गुस्ताखियां शायरी
जरुरी तो नहीँ
जरुरी तो नहीँ हर रिश्ते को नाम की डोर से बाँधा जाए, बाँधे गए रिश्ते अक्सर टूट जाते हैँ..!!!
पत्थर पे लिखी लकीर
इंसान हूँ, तहरीर नहीं हूँ मैं । पत्थर पे लिखी लकीर नहीं हूँ मैं ।। मेरे भीतर इक रूह भी बसती है लोगों सिर्फ़ एक अदद शरीर नहीं हूँ मैं ।
मजबूर बना देता है
वक़्त नूर को बेनूर बना देता है! छोटे से जख्म को नासूर बना देता है! कौन चाहता है अपनों से दूर रहना पर वक़्त सबको मजबूर बना देता है!
मेरी हर धड़कन
तुम क्या जानो कहाँ हो तुम मेरे दिल में मेरी हर धड़कन में हर निगाह जो दूर तलाक जाती है हर आशा जो पूरा होना चाहती है तुम क्या जानो क्या हो तुम मेरे लिए मेरी हर पल की आस मेरा विश्वास ज़िन्दगी की बैचेन घड़ियों में जिन्दा रहने को पुकारती हुई तुम मेरे करीब….हर… Continue reading मेरी हर धड़कन
जरा सा हिस्सा
मेरे दर्द का जरा सा हिस्सा लेकर देखो। सदियो तक शायरी करोगे जनाब।
कोई अच्छा लगा
दिल भी न जाने किस किस तरह ठगता चला गया…. कोई अच्छा लगा और बस लगता चला गया………..
बेवफा कहने से पहले
बेवफा कहने से पहले मेरी रग रग का खून निचोड़ लेना.. कतरे कतरे से वफ़ा ना मिले तो बेशक मुझे छोड़देना
इतना याद मत आओ
खनक उठें न पलकों पर कहीं जलते हुए आँसू,, तुम इतना याद मत आओ के सन्नाटा दुहाई दे..!
बेचैन उमंगो को
मेरी बेचैन उमंगो को बहलाकर चले जाना, हम तुमको ना रोकेंगे बस आकर चले जाना..