मेरे हाथों को मालूम है

मेरे हाथों को मालूम है तुम्हारे गिरेबानों का पता, चाहूं तो पकड़ लूं पर मजा आता है माफ करने में ।

मुहब्बत क्या है

मुहब्बत क्या है चलो दो लफ़्ज़ों में बताते हैं, तेरा मजबूर कर देना,मेरा मज़बूर हो जाना।।

उनके आने के इंतज़ार

उनके आने के इंतज़ार में हमनें; सारे रास्ते दिएँ से जलाकर रोशन कर दिए! उन्होंने सोचा कि मिलने का वादा तो रात का था; वो सुबह समझ कर वापस चल दिए।

मेरे अश्कों में

मेरे अश्कों में तेरा चेहरा झलकता हैं, तेरी यादों के सहारे दिल मेरा धड़कता हैं, तु जो दूर हुआ हैं मुझसे… साँसो का सिलसिला रूक-रूक फिर तुझसे मिलने चल पड़ता हैं…

तब्दीली जब भी आती है

तब्दीली जब भी आती है मौसम की अदाओं में किसी का यूँ बदल जाना बहुत ही याद आता है …

तीन शब्दों में

तीन शब्दों में मैंने ज़िन्दगी में जो कुछ भी सीखा है उसका सार दे सकता हूँ ज़िन्दगी चलती जाएगी|

जरूरी नहीं हर बात पर

जरूरी नहीं हर बात पर तुम मेरा कहा मानों.. दहलीज पर रख दी है चाहत, आगे तुम जानो….

लोग परेशान हो जाते हैं

जब जब लोग परेशान हो जाते हैं, तो काफी हद तक इंसान हो जाते हैं..!

घोंसला बनाने में

घोंसला बनाने में यूँ मशग़ूल हो गए, उड़ने को पंख हैं हम ये भी भूल गए…!!

हमने सोचा था

हमने सोचा था छोटी सी खरोंच होगी बेवफ़ाई कि मेरे दिल में तो बहोत काम रफ़ु का निकला

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